-- ‘ताज महल पर 150 ब्लांइड स्टार्स काहुआप्रीमियर, 16
अन्य फिल्में होंगी प्रदर्शित
-- सूरकुटी नेत्रहीन विद्यालय के छात्र करेंगे नट्य
मंचन
आगरा। ताज सिटी स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है किन्तु लगता
है कि इसमें जिन तमाम लोगो के की
जीवन शैली में कोई बदलाव नहीं आने जा रहा है उनमें दृष्टिहीनभी हैं। यह कहना है
कि
(सुश्री सिप्पी गुप्ता एवं श्री धर उपाध्याय)
--फोटो:असलम सलीमी
दृष्टिबाधित श्रीधर उपाध्याय का जो कि डा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के
जुबली हॉल में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘दृष्टि 2015’ समारोह
के पहले दिन ‘दृष्टिहीनो और समाज विज्ञान विभाग के
विद्यार्थियों
(सुश्री सिप्पी गुप्ता एवं श्री धर उपाध्याय) --फोटो:असलम सलीमी |
विद्यार्थियों
(प्रशांत टंडन एवं अखिल श्रीवास्तव) --फोटो:असलम सलीमी |
के साथ ‘सीधा संवाद’ सत्र को सम्बोधि
कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अपनी भक्ति , काव्य
विधा के कारण विख्यात एवं दृष्टिबाधितों के आदर्श महाकवि सूरदास की साधना
भूमि के महानगर के लिये अगर कोई योजना बनने पर उसमें तो दष्टिहीनों
के बारे में कुछ न कुछ होना अपेक्षित किया ही जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह
देशभर में घूमते हैं। दिल्ली और कोलकाता में सीमित जगहों पर ब्रेल में लिखे हुए
मार्ग संकेतक मिले। श्रीधर ने स्मार्ट सिटी को लेकर कई अन्य सुझाव भी पेश किये। मन्कामेश्वर
प्राइमरी स्कूल में शिक्षक सिप्पी गुप्ता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि
नेत्रहीनों को दया की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि वह उन बच्चों को
अंग्रेजी और कंप्यूटर सिखाती हैं, जो देख सकते हैं।
सिप्पी ने लोगों से अपील की कि नेत्रहीन बच्चों को घर में छिपाकर न रखें या केवल
नेत्रहीन विद्यालय में न भेजें। बल्कि इन बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजना
चाहिए। सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन ने
किया।
शुक्रवार को पहले सत्र में को नेत्रहीनों की
समस्याओं पर चर्चा हुई। वहीं दूसरे सत्र में 150 नेत्रहीन लोगों के ताजमहल विजिट
पर बनी फिल्म का प्रीमियर किया गया। इसी दौरान
दूसरा सत्र में सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर स्व.
डॉ. मुकुल श्रीवास्तव को याद किया गया। इस दौरान वर्ष 2014 के दृष्टि 2014 कन्वेंशन
की शुरुआत में दिए गए व्याख्यान का वीडियो प्रदर्शित किया गया। इस सत्र में इंस्टीट्यूट
ऑफ सोशल साइंसेज के निदेशक दिवाकर खरे ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास और समाज
में डॉ. मुकुल श्रीवास्तव का बड़ा योगदान रहा। एमएसडब्ल्यू विभागाध्यक्ष डॉ.
रणवीर सिंह, राजीव
वर्मा, मोहम्मद
अरशद, मोहम्मद
हुसैन ने भी उन्हें याद किया। इस सत्र का संचालन नीतीश गौड़ ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन अंतरदृष्टि संगठन के सीईओ अखिल श्रीवास्तव
ने किया।
150 नेत्रहीन लोगों के
ताजमहल विजिट पर बनी फिल्म का प्रीमियर
नेत्रदान को बढ़ावा देने को लेकर शुक्रवार से शुरू हुए ‘दृष्टि 2015’ समारोह में 150 नेत्रहीन
लोगों के ताजमहल विजिट पर बनी फिल्म का प्रीमियर किया गया। यह फिल्म पिछले वर्ष ‘दृष्टि 2014’ के
दौरान तैयार की गई थी।
मन की आंखों से ताज देखने की इस फिल्म के प्रीमियर को
देखकर लोग चौंक गए। फिल्म में लोगों ने देखा कि नेत्रहीन लोगों ने छूकर और गाइड
की बातों को सुनकर ताजमहल के बारे में जाना। एक-एक करके वे सभी इसे छूकर ताज के
इतिहास के बारे में आपस में चर्चा कर रहे थे। यहां वे ताजमहल की दीवारों पर बने
संगमरमर फूलों को महसूस किया। वे सभी बता रहे थे, ये गुलाब का फूल है तो ये
अन्य फूल हैं।
स्मार्ट सिटी कंसैप्ट पर दृष्टिहीन करेंगे नटक का मंचन
दूसरे दिन यानि शनिवार 19 दिसम्बर को 16 लघु फिल्मों का प्रदर्शन होगा
ये फिल्मों क्रिएटिव कांटेस्ट के तहत देशभर से आईं हैं।
समारोह में सूरदास नेत्रहीन विद्यालय, कीठम के नेत्रहीन
छात्रों द्वारा ‘अबे, अंधा
है क्या’ नाटक का मंचन होगा। यह नाटक खासतौर पर स्मार्ट
सिटी में अपनी सुविधाओं को लेकर छात्रों ने खुद ही तैयार किया है। समारोह का समापन
क्रिएटिव कांटेस्ट के विजेताओं को पुरस्कार देने के साथ होगा।