भारत में राजधानी दिल्ली की हवा में घुली घुटन की समस्या जब गले से उपर निकलने लगी तब जाकर सरकारें जागीं है. जागने पर भी सिर्फ तुगलकी फरमान जारी कर प्रदूषण की समस्या से निपटने के उपाय किए जा रहे हैं.
इनमें कारों के नंबर की सम विषम संख्या के आधार पर कार चलाने के दिन तय कर देने से लेकर अब डीजल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने तक तमाम फैसले शामिल है. हालांकि अब तक सिर्फ बढ़ते प्रदूषण का अनुभव बताता है कि ये फैसले कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. मतलब साफ है कि सरकारें और यहां तक कि अदालत भी समस्या की जद तक पहुंच पाने में कामयाब नहीं हो रहे हैं...www.dw.com/hi/a-18921605 © DW