--दयालबाग के एक पहल स्कूल
में श्री चिम्मन लाल जैन विद्यार्थियों से हुए ‘रू ब रू’
(गांधीवादी नेता चिम्मन लालजेन ने दयालबाग स्थित एक पहल स्कूल में शराबके विरोध मे चलाया चर्खा।साथमें कार्यक्रमकॉडीनेटरश्रीअनिलशर्मा।) |
आगरा:स्वतंत्रता सेनानी
एवं वायोबृद्ध गांधीवादी नेता श्री चिम्मन लाल जेन ने शनिवार को दयालबाग स्थित ‘एक पहल पाठशाला ‘ में आयोजित कार्यक्रम में
भाग लेकर शराब विराधी और खादी प्रचार अभियान के बारेमें विद्यार्थियों एवं शिक्षको
को संबोधित करते हुए शराब बन्दी पर बोलते हुए कहा कि जिन विद्यार्थियों के घर पर
बडे शराब का सेवान
करते हैं उन्हें खास तौर से शराब की बुराई को समझना होगा और इस आदत के खिलाफ अपने घर के आसपास ही आवाज उठानी होगी। जिससे कि घरवाले खुद अपने बच्चों के मुख्य से सच्चाई को सुन सकें।उन्हों ने कहा कि कभी कभी जो काम बडे गडे उपदेशक नहीं करपाते हैं बच्चों का एक वाक्य ही जिदगी के प्रति बडों का रवैया बदल देता है।श्री चिम्मन लाल ने जब चर्खा चला कर बताया कि महात्मागांधी ने इसी से लागों को विदेशी दासता के प्रति जाग्रत कर स्वदेशी आंदोलन की भावना को जगाया था।तो बच्चों ने पहले जहां बातों को गंभरता पूर्वक सुना वहीं चर्खे से सूत के कातना काफीदेर तक जिज्ञासू बनकर देखते रहे।श्री चिम्मन लाल ने कहा कि जब भी अगलीबार आयेंगे तो उनके लिये तकली लायेंगे उससे भी वह सूत कात स्वदेशी भावना को जीवंत बनाये रखने का काम कर सकते हैं।स्वाधीनता सेनानी ने खादी की आज के सदर्भों में भी प्रासंगिकता को बताते हुए कहा कि गांधीजी ने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संदेश दिया था चर्खे से काता सूत और उससे तैयार कपडा उसी का प्रतीक है और आजादी के बाद तो दुनियां भर में भारत की पहचान बन चुकी है।इस अवसर पर मनीष राय ,सुश्री ईबा अग्रवाल, अंकित खंडलेवालतेजवीरऔर श्री अनिल शर्मा उपस्थित थे।
करते हैं उन्हें खास तौर से शराब की बुराई को समझना होगा और इस आदत के खिलाफ अपने घर के आसपास ही आवाज उठानी होगी। जिससे कि घरवाले खुद अपने बच्चों के मुख्य से सच्चाई को सुन सकें।उन्हों ने कहा कि कभी कभी जो काम बडे गडे उपदेशक नहीं करपाते हैं बच्चों का एक वाक्य ही जिदगी के प्रति बडों का रवैया बदल देता है।श्री चिम्मन लाल ने जब चर्खा चला कर बताया कि महात्मागांधी ने इसी से लागों को विदेशी दासता के प्रति जाग्रत कर स्वदेशी आंदोलन की भावना को जगाया था।तो बच्चों ने पहले जहां बातों को गंभरता पूर्वक सुना वहीं चर्खे से सूत के कातना काफीदेर तक जिज्ञासू बनकर देखते रहे।श्री चिम्मन लाल ने कहा कि जब भी अगलीबार आयेंगे तो उनके लिये तकली लायेंगे उससे भी वह सूत कात स्वदेशी भावना को जीवंत बनाये रखने का काम कर सकते हैं।स्वाधीनता सेनानी ने खादी की आज के सदर्भों में भी प्रासंगिकता को बताते हुए कहा कि गांधीजी ने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संदेश दिया था चर्खे से काता सूत और उससे तैयार कपडा उसी का प्रतीक है और आजादी के बाद तो दुनियां भर में भारत की पहचान बन चुकी है।इस अवसर पर मनीष राय ,सुश्री ईबा अग्रवाल, अंकित खंडलेवालतेजवीरऔर श्री अनिल शर्मा उपस्थित थे।
इस अवसर पर बिहार सरकार के
द्वारा शराब पर लगायी जाने वाली पाबंदी को गाधीवादी प्रगतिशील कदम बताया गया।
शराब विरोधी आंदोलन को अनिल
देंगे बल
श्री चिम्मन लाल जैन के
शराब विरोधी आंदोलन के कॉडीनेटर श्री अनिल शर्मा ने कहा है कि श्री चिम्मन लाल जी
के शराब विरोधी आंदोलन को उन्होंने व्यापक
बनाने के लिये लगातार कार्यक्रम करवाते रहनेका
निर्णय किया है।वह इसे सोशल मीडिया के माध्यम से तो लोकप्रिय बनायेगे ही
साथ ही आगरा से बाहर भी इसके पक्ष में जनमत को एक जुट करेंगे।