--’इंडियन एसोससएशन ऑफ़ सोशल साइकाइट्री’ की तीन दिवसीय २२ वी कांफ्रेंस
आगरा:’इंडियन
एसोससएशन ऑफ़ सोशल साइकाइट्री’ की २२ वी कांफ्रेंस का तीन दिवसीय आयोजन
(मनोरोगियों के इलाज में तीमारदारों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण) |
शुक्रवार
से होटल रैडिसन ब्लू में शुरू हुआ। देश और ववदेश से जाने माने मनोचिकित्सकों की
इसमें भागीदारी रही। इस बार के आयोजन का मुख्य चर्चा विषय मनोचिकित्सा और मनोरोग के सामाजिक पहलुओं परिप्रेक्ष्य
में विचार विमर्ष है।सम्मेलन के सत्रों के दौरान इसी विषय पर विषय प9 प्रस्तुत
किये जायेंगे तथा व्याख्यान होंगे। आयोजन समिति के अध्यक्ष डा यू सी गगष और
ससिव डा ए गौर ने बताया कि मानससक रोगियों के तीमारदारों’ की दिक्कतें और मानसिक त्साकित्सा
में उनकी रहने वाली अहम भूमिका
पर चर्चा होगी।
पर चर्चा होगी।
कांफ्रेंस का
उद्घाटन मुख्य-अतिथि के रूप में डा. भीम राव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रोफेसर मोहम्मद मुज़जम्मल के द्वारा किया गया।इस अवसर पर उपस्थितों में जनपद
न्यायधीश श्री राजीव लोचन मेहरोत्रा, इंडियन एसोससएशन फॉर सोशल
साइकाइट्री के अध्यक्ष प्रोफेसर सुधीर कुमार खंडेलवाल और वर्लिष एसोससएशन ऑफ़ सोशल
साइकाइट्री के अध्यक्ष डा रॉय अब्राहम आदि उपस्थितों मे शामिल थे।
तीन दिनों की
इस कांफ्रेंस में पहले दिन तामीरदारों की दिक्कतो पर चर्चा के अलावा देश विदेश
मनोचिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों और शोधों पर भी चिंतन किया गया।
जबकि शनिवार को अध्यात्म का मानसिक स्वस्थ्य पर पडने वाले प्रभाव पर मंथन होगा। तीसरे दिन
मीडिया की भूमिका और सामाजिक जागरूकता पर विचार किया जायेगा ,जिसमे मीडियों
के कई आमंत्रित पत्रकार भी भाग लेगे। उल्लेखनीय है डक उक्त नेशनल कांफ्रेंस आगरा
शहर में पहली बार आयोजन हो रहा है।(सुश्री अंशू परीख की रिपोर्ट पर आधारित)