--ड्रा बैक कमेटी के समक्ष उद्यमियों बतायीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार की चुनौतियां
आगरा,मंडल के फीरोजाबाद जनपद में
कांच उद्योग भारी चुनौती के दौर से गुजर रहा है।राजनैतिक नेतृत्व की अक्षमता के
कारण यहां के उद्यमियों को खुद ही भाग दौड कर मुम्बई तक दौड लगानी पड रही है।ड्रा बैक कमेटी के समक्ष ग्लास
मैन्यूफेक्चर एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन की ओर से कारोबार के लिये जरूरी सुविधाओं
की जानकारी देकर ड्रा बैक पुन: 14 प्रतिशत करने की मांग रखी। बताया
गया कि पहले कांच उत्पादों के निर्यात पर
सात प्रतिशत फोकस स्कीम थी। उसे केंद्र सरकार ने घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया था।
एसोसिएशन के प्रयास के बाद वह पांच प्रतिशत हो सकी है। कांच निर्यात पर कुछ वर्ष
पूर्व ड्रा बैक 14 प्रतिशत था, वह भी घटकर सात प्रतिशत रह गया है।
अत: फाइनेंस मंत्रालय से पुन: 14 प्रतिशत करने की मांग रखी। कमेटी को
दी गयी जानकारी कहा गया कि झाड़, फानूस, कार की हैडलाइट, ग्लास वेयर बनाने
वाली इकाईयां चायना से व्यापक पैमाने पर आयात की वजह से बर्बाद हो चुकी है। उद्यमियों ने फीरोजाबाद से थर्मस रिफिल जो माउथ ब्लोइंग से बनते हैं, उसे भी हैंडक्राफ्ट सेक्टर में रखने का प्रस्ताव रखा।
वाली इकाईयां चायना से व्यापक पैमाने पर आयात की वजह से बर्बाद हो चुकी है। उद्यमियों ने फीरोजाबाद से थर्मस रिफिल जो माउथ ब्लोइंग से बनते हैं, उसे भी हैंडक्राफ्ट सेक्टर में रखने का प्रस्ताव रखा।
मीटिंग में वित्त
मंत्रालय द्वारा
गठित कमेटी के चेयरमैन सुमित्रा चौधरी, सेक्रेटरी जीके पिल्लई, स्पेशल सेक्रेटरी कम मेंबर सीबीईसी वाईजी परांडे, चीफ कमिश्नर ऑफ कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज राजीव तलवार, ज्वाइंट सेक्रेटरी विनोद अग्रवाल, ओएसडी राजीव शंकर उद्यमियों को सुनने के लिये मौजूद थे।
गठित कमेटी के चेयरमैन सुमित्रा चौधरी, सेक्रेटरी जीके पिल्लई, स्पेशल सेक्रेटरी कम मेंबर सीबीईसी वाईजी परांडे, चीफ कमिश्नर ऑफ कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज राजीव तलवार, ज्वाइंट सेक्रेटरी विनोद अग्रवाल, ओएसडी राजीव शंकर उद्यमियों को सुनने के लिये मौजूद थे।
ग्लास मैन्यूफैक्चर एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के
चेयरमैन मुकेश बंसल टोनी ने कहा कि सुहागनगरी के कांच उद्योग की समस्याएं पूरी
दमदारी से उठायी गयी है। इस बात का अहसास भी कमेंटी को करवाया गया कि सुप्रीम
कोर्ट के आदेश से यहां कोई भी नई इकाई नहीं लगाई जा सकती और न नेचुरल गैस के अलावा
कोई फ्यूल जैसे तेल, लकड़ी, कोयला उपयोग किया जा सकता है।
फीरोजाबाद के उद्यमियों ने कमेटी के समक्ष ड्रा बैक पुन: 14 प्रतिशत करने की मांग रखी। उन्होंने
कहा कि पहले कांच उत्पादों के निर्यात पर सात प्रतिशत फोकस स्कीम थी। उसे केंद्र
सरकार ने घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया था। एसोसिएशन के प्रयास के बाद वह पांच
प्रतिशत हो सकी है। कांच निर्यात पर कुछ वर्ष पूर्व ड्रा बैक 14 प्रतिशत था, वह भी घटकर सात प्रतिशत रह गया है।
अत: फाइनेंस मंत्रालय से पुन: 14 प्रतिशत करने की मांग रखी।