(एन उभ् तिवारी और उनकी पत्नी श्रीमती उज्वला तिवारी ने सपा मुखिया मुलायम सिह यादव से मुलाकात कर रोहित को अपना सानिध्य दिये जाने को की थी सिफारिश।) |
(रोहित और उनके पिता एन डी तिबारी ) |
--शेखर
बहुगुणा के बाद ए एन तिबारी को लेकर पार्टी में उठने लगीं अवाजें
आगरा:
कांग्रेस यू पी में पहले से ही कमजोर है किन्तु लगता है कि आने वाले समय में
उसे कई और बडे झटके लगने वाले हैं।जिनका असर यू पी के साथ ही उत्तराखंड में भी
होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री
एवं यू पी के असरदार नेता रहे हेमबती नन्दन बहुगुणा का परिवार इस समय कांग्रेस
में हाशिये पर आ चुका माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शेखर बहुगुणा को नजर
अंदाज कर फिल्म अभिनेता एवं पूर्व सांसद राजबब्बर को बहुगुणा लाबी तो बाद की
बात है खुद मुख्यमंत्री हरीश राबत तक को नहीं भाया था। इसी प्रकार उत्तरा खंड को
ही अपना नया घर मानचुके यू पी के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी अब पहाड
से ही नहीं कांग्रेस से ही उदासीन हो चुके हैं ।समावादी पार्टी के द्वारा अपने
बेटे रोहित तिवारी को उ प्र सरकार के द्वारा परिवहन विभाग में सलाहकार नियुक्त कर लाल बत्ती दे
दिये जाने के बाद उनके सपा के साथ खुलकर आने को लेकर रहा बचा संशय भी समाप्त हो
गया है।
वैसे रोहित
का अपना कोयी राजनैतिक योगदान नहीं है।, बताया जाता है कि एनडी तिवारी ने कई बार मुलायम सिंह यादव से रोहित
को सपा में शामिल करने की बात करते रहे थे। वैसे हकीकत में रोहित सपा में शामिल
होकर विधान सभा चुनाव लड़ना चाहते थे।कांग्रेस में एक लाबी वाकायदा श्री एन
डी तिबारी को पर्टी से हटाये जाने की मांग कर रही है।श्री तिवारी राजनीति में
निष्क्रिय जरूर है किन्तु तकनीकि दृष्टि से कांग्रेस के सदस्य हैं।