5 जून 2015

यमुना नदी की हालत बद से बदतर हो गयी है

आगरा। ( राजीव सक्सेना ) यमुना नदी की हालत बद से बदतर हो गयी है।पूरे एक साल से दि‍ल्‍ली की सरकार के मंत्री वहीं ढाई साल से यू पी की समाजवादी सरकार के मंत्री इस नदी की हालत में सुधार को लेकर जो कुछ जनता के बीच कहते रहे हैंउसका दस प्रति‍शत भी कि‍या होता तो कम से कम महानगर को रॉवाटर की मात्रा और गुणवत्‍ता को लेकर जो गंभीर हालात बने हुए हैं,वह नहीं झेलने होते।समाजवादी पार्टी की अखि‍लेश सरकार तो एक दम 'बजरबट्टू 'साबि‍त हुई है।आजादी के बाद इस सरकार ने राज्‍य के इन्‍फ्रास्‍ट्रैक्‍चार के नाम पर सबसे ज्‍यादा वि‍देशी कर्ज लेकर परदेशि‍यों को प्रदेश की जनता को दोहकर धन वि‍देश ले जाने का रास्‍ता प्रशस्‍त कि‍या है।सडक कांस्‍ट्रैक्‍शन से लेकर हास्‍पि‍लि‍टी इंडस्‍ट्रीज आदि‍ उन क्षेत्र को भी वि‍देशी कंपनि‍यों के लि‍ये खुला कर दि‍या है जि‍नके...
लि‍ये राज्‍य में पहले से ही देसी नि‍वेशक तैयार बैठे थे।सबसे अधि‍क लोगों को काम करने का मौका दे सकने वाले कापरेटि‍व सैक्‍टर का बेडा गरक कर दि‍या है।इंडि‍या मेंकि‍ंग में जहां इन्‍वेस्‍टर मेकि‍ंग छुपा हुआ है वहीं यू पी मेकि‍ंग में 'बयूरोक्रेट ' और 'बाबू' मजबूत कर दि‍ये गये हैं। ये पूरी जनता को मुख्‍यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नाम पर आन लाइन रखे हुए हैं। इस आन लाइन खेल से प्रदेश की जनता भारी अंसंतुष्‍ट है।छोटे छोट काम नहीं हो रहे हैं। प्रदेश सरकार अगर मंत्रि‍मंडल समूह बना कर 'आन लाइन 'खेल के जनता पर पड रहे इंपैक्‍ट का फीडबैक ले सके तो उसे खुद ही मालूम पड जायेगा कि‍ कि‍स प्रकार के हालात बने हुए हैं प्रदेश भर में ।