--सेबी के चेयरमैन के सुझावों को सरकार के वित्त विभाग ने लिया गंभीरता से
-‘स्टेट डिपाजिटर्स प्रोटैक्शन एक्ट‘ राज्य में भी बनाया जायेगा प्रभावी
आगरा, उत्तर प्रदेश में सरकार निवेश को बढावा देने के लिये बाहरी सहायता के अलावा स्थानीय निवेशकों से भी इसके लिये प्रयास करेगी। राज्य की बीस करोड की आबादी और पूंजीबाजार में यहां के लोगों की भागीदारी अन्य प्रकार से होने के बावजूद राज्य सरकार की निवेश जरूरतों में उनका योगदा न न के बाराबर है। अब राज्य सरकार इस स्थिति को समाप्त करने के लिये चालू वित्तीय वर्ष में ही कई कदम उठासकती है ।निवेश्कों में जागरूकता लाये जाने को लक्ष्य कर उठाये जाने वाले इन कदमों में राज्य में होते रहने वाले फाईनेंशियल फ्राडों को यथा संभव सीमित कर दिया जाना शामिल है।
वैसे सेबी(सीक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया) के चेयरमैन यू के सिन्हा तक का मानना है कि उत्तर
प्रदेश देश के बडे राज्यों में से एक होने के बावजूद निवेश कर्त्ताओं में
जागरूकता के मामले में काफी पीछे है। उनका कहना है कि निवेशकों में बनी उदासीनता
और अनभिज्ञता की
स्थिति के फलस्वरूप राज्य में अलाभकरी और गैरकानूनी असंरक्षित निवेश करवाने वालो और करने वालो की संख्या में निरंतर बढोत्तरी होती जा रही है। राज्य में निवेशकों के हित सुरक्ष्ित करने के लिये बने कानूनो को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने की जरूरत है। निवेशकों के हित में सुरक्षा के लिये ‘स्टेट डिपाजिटर्स प्रोटैक्शन एक्ट‘ को देश के 20 राज्यों में लागू है किन्तु उ प्र में इसके लिये अभी औपचारिक्ता होनी हैं।अगर यह एक्ट राज्य में प्रभावी हो जाये तो निवेशकों का मौजूदा नजरिया एक दम बदल जायेगा और राज्य का पूंजी बाजार अत्यंत गतिशील हो जायेगा।
श्री सिन्हा जो कि हाल में ही वाराणसी में एक ‘फाईनेंन्शियल
एजूकेशन एंड इन्वेस्टर एवायरनेस विषय पर आयोजित सेमीनार को सम्बोधित कर चुके
हैं का कहना है कि निवेशकों को ठगे जाने की घटनाओं के बाद से भारतीय रिजर्व
बैंक ने राज्यों में राज्य स्तरीय
कमेटी का गठन कर दिया है।प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस
कमेटी की हर तीसरे महीने बैठक होनी अपेक्ष्रित की गयी है।कमेटी को जनता से मिली
शिकायतों और मीडिया रिपोर्टों को संज्ञान में लेकर समीक्षा करनी है कि राज्य
में कही निवेशकों के साथ धोखाधडी तो नहीं हो रही है।यही नहीं यह भी देखना है कि इस
गैर कानूनी काम को रोकने के लिये किस
एजंसी को क्या प्रभावी कदम उइाने हैं। स्थिति के फलस्वरूप राज्य में अलाभकरी और गैरकानूनी असंरक्षित निवेश करवाने वालो और करने वालो की संख्या में निरंतर बढोत्तरी होती जा रही है। राज्य में निवेशकों के हित सुरक्ष्ित करने के लिये बने कानूनो को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने की जरूरत है। निवेशकों के हित में सुरक्षा के लिये ‘स्टेट डिपाजिटर्स प्रोटैक्शन एक्ट‘ को देश के 20 राज्यों में लागू है किन्तु उ प्र में इसके लिये अभी औपचारिक्ता होनी हैं।अगर यह एक्ट राज्य में प्रभावी हो जाये तो निवेशकों का मौजूदा नजरिया एक दम बदल जायेगा और राज्य का पूंजी बाजार अत्यंत गतिशील हो जायेगा।