--अनुपमा जैन
पुराने शहरो का होगा कायाकल्प |
कल्पना कीजिये एक 'नये' शहर की जहां आवाजाही बेहद आसान है, शहर साफ सुथरा है, 'ई' सुविधाये है, शहर मे जिंदगी आसान और बेहतर क्वालिटी की है और ऐसी ही तमाम सहूलियतें है , एक प्राचीन सांस्कृतिक महत्व वाली नगरी मे,या एक पुराने शहर मे. ये सपने है जिन्हे, जल्द ही हम भारत मे यथार्थ रूप मे देखने की उम्मीद कर सकते है.महत्वाकांक्षी परियोजनाओ के तहत 100 नए'स्मार्ट , सिटी' विकसित करने के साथ साथ 500 पुराने शहरों का भी 'अटल मिशन' के तहत काया कल्प करने की इन दो परियोजनाओ तथा ' 2022 तक सभी के लिये घर ' के एन डी ए सरकार की तीन फ्लैगशिप परियोजनाओ की शुरूआत.अटल मिशन् के तहत इन पुरने शहरो की परंपरागत सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ उन्हे अत्याधुनिक सुविधाओ से लैस किया जायेगा.वाराणसी, बोधगया, अजमेर और अमृतसर जैसे कई सांस्कृतिक और आध्यत्मिक महत्व वाले शहरों का
भी कायाकल्प कर उन्हे ‘स्मार्ट’ बनाए जाने की योजना है. इन शहरी विकास योजनाओ की विशेषता यह है कि इन से राज्यो को सक्रियता से जोड़ा जायेगा. अमरीका,इंग़लेंड, फ्रॉस जर्मनी,चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, कोरिया सहित 14 देशो और विश्व बेंक, एशियायी विकास बेंक, योरोपी्य यूनियन जैसे अंतर राष्ट्रीय संगठनो ने इन स्मार्ट श्हरो के विकास मे भागीदारी की इच्छा जाहिर की है. राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश ने इस संबंध मे अमरीका से करार भी करा चु्के है.
भी कायाकल्प कर उन्हे ‘स्मार्ट’ बनाए जाने की योजना है. इन शहरी विकास योजनाओ की विशेषता यह है कि इन से राज्यो को सक्रियता से जोड़ा जायेगा. अमरीका,इंग़लेंड, फ्रॉस जर्मनी,चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, कोरिया सहित 14 देशो और विश्व बेंक, एशियायी विकास बेंक, योरोपी्य यूनियन जैसे अंतर राष्ट्रीय संगठनो ने इन स्मार्ट श्हरो के विकास मे भागीदारी की इच्छा जाहिर की है. राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश ने इस संबंध मे अमरीका से करार भी करा चु्के है.
सरकार के समावेशी शहरी विकास के दृष्टिकोण की प्रतीक, स्मार्ट सिटी और अटल मिशन की एक लाख करोड़ की दो परियोजनाओ को केन्द्रीय मंत्रिमंडल जहॉ पहले ही मंजूरी दे चुका है वही सभी के लिये वर्ष 2022 तक आवास दिये जाने की परियोजना को केन्द्रीय मंत्रिमंडल् ने गत सप्ताह मंजूरी दी है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैकैया नायडू के अनुसार प्रत्येक राज्य मे कम से कम एक स्मार्ट सिटी सरकार विकसित करेगी, सुत्रो के अनुसार बड़े राज्यो मे दस तक स्मार्ट सिटी तक बनाये जाने की योजना है. श्री नायडू के अनुसार स्मार्ट सिटी तथ अटल मिशन के लिये राज्यो को यह अधिकर दिया गया कि वे बताये कि इस बारे मे उनकी प्राथमिकताये क्या है,ताकि उसके अनुरूप उनके सुझाव लिया जा सके. चालीस लाख तक की आबादी वाले शहर स्मार्ट सिटी के लिए पहली पसंद हैं, जबकि इससे बड़े शहरों के साथ सैटेलाइट शहरों को स्मार्ट बनाने की योजना है. वास्तुकारो का भी मत है कि बड़े शहरों पर जनसंख्या का भार कम करने और छोटे शहरों को पहली कतार में आगे लाने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की स्मार्ट सिटी परियोजना एक आदर्श विकल्प है. श्री नायडू के अनुसार विदेशी सरकारो और संस्थाओ मे इन योजनाओ को ले कर बहुत दिलचस्पी देखने को मिल रही है.