3 जून 2015

अब जाट आरक्षण का मुद्दा बनने जा रहा है केन्‍द्र सरकार को चुनौती

--मथुरा में हरि‍याणा,राजस्‍थान और उ प्र के जाट संगठनों के प्रति‍नि‍धि‍ करेंगे बडी पंचायत

-- काजला खाप के प्रदेशाध्यक्ष राजमल काजल को आगामी पंचायतों को बुलने को कि‍या गया अधि‍कृत


(जाट आरक्षण :अब मथुरा से भरी जायेगी हुकार)
आगरा, गुर्जर आंदोलन की उग्रता और उसके आगे राजस्‍थान सरकार के द्वारा लगभग घुटने टेक देने वाली बनी स्‍थि‍ति‍ बना देने के बाद अब हरि‍याणा, उ प्र तथा राजस्‍थान में जाट आरक्षण आंदोलन शुरू होने जा रहा है।इसे योजना बद्ध चलाया जाये इसके लि‍ये मथुरा में 11 जून को जाट संगठनों के प्रति‍नि‍धि‍ बैठक करेंगे। यह कि‍तनी बडी होगी और कौन कौन से प्रभावशाली नेता इसमें शि‍रकत करेंगे यह तो बैइक के बाद ही मालूम होगा कि‍न्‍तु इसे बडा आयेजन मानकर आगरा मंडल के जाट नेताओं के द्वारा इसके लि‍ये व्‍यापक व्‍यवस्‍था की जा रही है।
बैठक में जाट समाज के पंच चौधरी और खांपों के प्रति‍नि‍धि‍ आपस में मि‍लकर जाट आरक्षण के आंदोलन के लि‍ये आगे की रणनीति बनायेंगे। अब तक के प्रचलि‍त ऐजेंडे के अनुसार जाट नेता मानते हैं कि‍ आरक्षण उनका हक है और वह उसे लेकर रहेंगे। हाल में ही
 खाप पंचायतों के अध्यक्षों व प्रतिनिधियों की कालीरामण खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चन सिंह कालीरामण की अध्‍यक्षता में हुई पंचायत में केन्‍द्र सरकार के मौजूदा रुख पर वि‍चार करने के अलावा राजनीति‍ में सक्रि‍य जाट नेताओं की भूमि‍का पर भी चर्चा की गयी।
मई में हुई तैयारी बैठक का आयोजन झोरड़ और काजला खाप के संयुक्‍त तत्‍वावधान में कि‍या गया था।
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि इस समय  का सबसे बड़ा मुद्दा जाट आरक्षण का है, जिसपर सभी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। सभी वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि आरक्षण जाटों का हक है और चाहे कितनी भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े, आरक्षण लेकर रहेगे। बैठक में यह भी दलील दी गई कि अन्य किसान जातियों जैसे कुर्मी, गुर्जर, अहीर व सैनी आदि को आरक्षण पहले से ही दिया हुआ है, लेकिन जाटों के साथ भेदभाव किया गया। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। किसानों के पास अब न खेती रही है और न ही फौज की नौकरी। जाट नौजवान बेरोजगारी की चक्की में पिस रहे है और मायूस होकर गलत रास्ता अख्तियार कर रहे है। इसलिए नौजवानों के भविष्य के लिए जाट आरक्षण अति आवश्यक है।
जाट वक्ताओं ने कहा कि पूर्व सरकारो के गलत निर्णयों के चलते खेती बाड़ी घाटे का सौदा बन कर रह गई है। कृषि आधारित देश में किसानों की हालत ही दयनीय है, जिससे उभारने के लिए केंद्र सरकार तुरत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। कन्या भू्रण हत्या व ऑनर किलिंग रोकने, मृत्यु भोज बंद करने व पर्यावरण शुद्धि के लिए अपने जन्मदिवस व शादी की सालगिरह पर एक एक पेड़ लगाने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास जैसे प्रोग्रेसि‍व मुददो पर भी जाट नेताओं ने वि‍चार रखे । बैठक में उपस्थित खाप अध्यक्षों ने यह भी निर्णय लिया कि वे भविष्य में किसी भी मृत्युभोज में भाग नहीं लेंगे। इसके अलावा समगाव व समगौत्र में होने वाले विवाहों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से अपील की गई कि वे तुरत हिदू मैरिज एक्ट 1955 में तदानुसार संशोधन करे ताकि ऑनर कीलिंग का मामला जड़मूल से ही समाप्त हो जाए।

भविष्य में होने वाली खाप पंचायतों की बैठक बुलाने के लिए काजला खाप के प्रदेशाध्यक्ष राजमल काजल को अधिकृत किया गया।