28 मई 2015

--अगर गठबन्धन सरकार टूटती है तो 'नेकां' जनता के बीच ही जाना पसंद करेगी

(घाटी में बात बात पर फहराये जाते हैं
पाकि‍स्‍तानी झंडे)
(पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला)

--बार बार पाकि‍स्‍तान का झंडा फहराने की घटनाओं से प्रभावि‍त हो सकते हैं हालात

नई दिल्ली।जम्‍मू कश्‍मीर की राजनीति‍ में मुफ्ती सईद की सरकार की अलोकप्रि‍यता की शुरूआत मानकर नेशनल कांफ्रेंस ने स्‍पष्‍ट कर दि‍या है कि‍ अगर गठबन्‍धन टूटता है और भाजपा अपना समर्थन राज्‍य सरकारसे वापस लेती है तब उस स्‍थि‍ति‍ में पीडीपी की सरकार बचाने के स्‍थान पर नये चचुनाव करवाना उपयुक्‍त मानेगी।यह संकेत हाल में ही नेकां नेता एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री  उमर अब्‍दुल्‍ला ने दि‍ये हैं जो कि‍ एक वि‍देशी मीडि‍या की रि‍पोर्टर को इंटरव्‍यू दे रहे थे। श्री अब्‍दुल्‍ला जो कि‍  नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में वार्ता कर रहे थे ने कहा कि‍ कश्‍मीर में वि‍कास तभी
संभव है जबकि‍ वचहां शांति‍ व्‍यवस्‍था जमीनी हकीकत के रूप में बनी रहे।केवल बयानवाजी या वि‍कास के वायदो से काम नहीं चलने वाला

उन्होंने सरकार बनने से पहले अपनी पार्टी के द्वारा पी डी पी को समर्थन दि‍ये जाने की पेशकश का उल्‍लेख करने पर कहा कि‍ उनकी पार्टी सईद को मुख्यमंत्री के तौर पर निर्णय लेने की पूरी आजादी देना चाहती थी। उनको उसी समय लग रहा था कि भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी से हाथ मिलाने के बाद उनकी स्थिति एक लाचार मुख्यमंत्री की हो जाएगी।

उन्‍हों ने ताजा घटनाओं के परि‍प्रेक्ष्‍य में कहा कि‍ समर्थन सिर्फ एक बार के लिए था। हम इसे फिर से नहीं दोहराएंगे। यदि यह गठबंधन सरकार काम नहीं कर पाती है, तो हम जनता के बीच जाएंगे।उमर ने कहा कि समर्थन के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं था। हम किसी अखिल भारतीय पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने की मजबूरियों को अच्छी तरह से समझते थे। मैं खुद छह साल तक एक ऐसी पार्टी के साथ सरकार चला चुका था, जिसके लिए कश्मीरियों का हित सबसे बड़ा मुद्दा नहीं था। ऐसे में हमारे पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं था और हमने पीडीपी को समर्थन देने का फैसला कर लिया था।घाटी के हालात के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लोगों में बहुत ज्यादा बेचैनी है। लेकिन जिस तरह बार-बार पाकिस्तानी झंडा लहराने की घटनाएं हो रही हैं, उससे स्थिति को सामान्य भी नहीं कहा जा सकता है।