19 मई 2015

मेट्रो रेलवे सामान्य नियमों में बदलाव से दिल्ली और चेन्नई मेट्रो को लाभ

दिल्ली मेट्रो यात्रियों को अब जल्द ही मंडी हाऊस और आईटीओ स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवा उपलब्ध हो जाएगी। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मेट्रो रेलवे सामान्य नियम, 2013 में संशोधन के बाद यह राहत संभव हो पाई है। इसके जरिए सिंगल लाइन पर मेट्रो परिचालन संभव हो गया है। इसके पहले नियमों के तहत ऐसे किसी परिचालन का प्रावधान नहीं था। 
जनवरी 2015 में दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने मंडी हाऊस-आईटीओ सेक्शन में सिंगल लाइन का निर्माण कर लिया था। परंतु, 971 मीटर का एक ऐसा सेक्शन चालू नहीं हो पाया था क्योंकि मेट्रो रेलवे सामान्य नियम, 2013 के प्रावधानों के तहत सुरक्षा निरीक्षण नहीं हो सका था...
शहरी विकास मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त, मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रेल मंत्रालय और विशेषज्ञों के साथ इस संबंध में गहन विचार-विमर्श किया था। इसके बाद शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2013 के नियमों में संशोधन का फैसला किया। नियमों में संशोधन रेल मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के परामर्श से किया गया। 

शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संशोधनों को अधिसूचित करने के बाद मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त जल्द ही सुरक्षा निरीक्षण करेंगे और उसके फौरन बाद मंडी हाऊस तथा आईटीओ के बीच मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। अनुमान है कि इस सेवा के शुरू होने से 22,000 यात्रियों को सुविधा होगी। इसके अलावा 2021 तक 31,000 यात्री इस सेवा का लाभ उठाएंगे, जिससे दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की सालाना आय 8 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगी। 

2013 के नियमों में संशोधन से चेन्नई मेट्रो को भी लाभ होगा और सुरक्षा निरीक्षण के बाद अशोक नगर तथा अलंदुर के बीच 2.88 किलोमीटर सेक्शन में मेट्रो परिचालन संभव हो जाएगा। इससे कोयमबेदु और अलंदुर (7.22 किलोमीटर) के बीच मेट्रो संपर्कता हो जाएगी। चेन्नई का यह ऐसा पहला सेक्शन होगा जिसमें परिचालन शुरू होने वाला है।