(क्षेत्र बजाजाकेमेटी के मंच से पूर्व पारषद दीपक खरे और श्रीमती कुन्दिका शर्मा विचार व्यक्त करने वालो ) |
आगरा:यमुना किनारे का प्राचीनतम श्वदाह गृह ‘मोक्ष
धाम’ को उसके मौजूदा
स्थान से हटाये जाने के लिये जहां प्रशासन पेशबन्दी में जुटा हुआ है,वहीं दूसरी
ओर हिन्दू समाज के द्वारा भी अपने जीवन संस्कराें में से मुत्युसंस्कार के
इस स्थल के यथावत उपयोग को जारी रखना एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर लिया है
फलस्वरूप कभी भी टकराव के हालात बन सकते हैं। इस सम्बन्ध में हुई मीटिग में तय
किया गया है कि 14मई को जनता चेतावनी यात्रा निकालेगी।जो
विद्युत शवदहाग्रह से शुरू होकर मोक्षधाम तक जायेगी।उल्लेखनीय है कि ताजमहल ओर बाद में बसे ताजगंज से भी यह शमशान घाट और ताजमहल के दोनों ओर बने भैरों
विद्युत शवदहाग्रह से शुरू होकर मोक्षधाम तक जायेगी।उल्लेखनीय है कि ताजमहल ओर बाद में बसे ताजगंज से भी यह शमशान घाट और ताजमहल के दोनों ओर बने भैरों
मन्दिर तथा दशहरा घाट मन्दिर
कही पुराने हैं। ताजमहल के निर्माण के दौर में दोनों मन्दिरों में पूजा का काम
जारी रहा थ तथा शमशान घाट पर भी बादशाह की ओर से कभी रोक नहीं लगायी गयी। बैठक में बी डी अग्रवाल ,सुनील विकल,अनुराग शुक्ला,राकेश चौहान,डाकुन्दनिका शर्मा ,बल्ले भाई,अनिल चौधरी,दीपक खरे,अज्जू चौहान,शिशिर भगत,राजकुमार पथिक,पवन आगरी,संदीप गोयल,विनय अग्रवाल,पंकज विकल,डा मंजू गुप्ता,यशपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि ताज महल को बचाने के नाम पर सुप्रीम कोर्ट ने आगरा का बिजलीघर बंद कराया,यहाँ
की फाउंड्री बंद करायीं , आगरा में नए उध्योग लगाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया, कारखानों में
जनेरटर चलाने पर प्रतिबन्ध
पूर्व में ही
लगाचुका है।