18 मई 2015

ग्रीष्म की तपन के बावजूद शाहजहां के उर्स में लोगो ने बडी संख्या में की शि‍रकत

--गंगा जमुनीतहजीब का प्रतीक सतरंगी चादर के साथ नि‍काला चादरपोशी जुलूस


(810मीटर की चादर:फोटो :असलम सलीमी)
आगरा,शहंशाह शाहजहां का उर्स परंपरागत ढंग से मनाया गया।15 मई से शुरू हुए इस दो दि‍वसीय कार्यक्रम में ग्रीष्‍म की तपन के बावजूद भारी संख्‍या में लोगों की भागीदारी रही। गुस्‍ल की रस्‍म,मीलाद शरीफ,मुशायरा,संदल,फातेहा, कब्‍बालि‍यां आदि‍ करवायी गयीं।जबकि‍ अगले दि‍न कुल शरीफ..
कुरान ख्‍वानी,फति‍हा, गुलपोशी, चादर पोशी-पंखा सरीखी रस्‍मों का सि‍लसि‍ला दि‍न भर चला।सबसे महत्‍वपूर्ण आकर्षण 810मीटर की सतरंगी चादर थी।जि‍से सि‍ख,बौद्ध,जैन,ईसाई एवं मुफ्ती आदि‍ के सहयोग से खुद्दाम ए रोजा कमेटी के अध्‍यक्ष हाजी ताहि‍रुद्दीन ताहि‍र की अगुवाई में उनके दक्षि‍ण गेट स्‍थि‍त नि‍वास से शाहजहां की मजार तक जुलूस के रूप में लेजाकर चढाया  (गया।
(खुद्दाम ए रोजा कमेटी के अध्‍यक्ष हाजी ताहि‍रुद्दीन ताहि‍र, नूर 
मोहम्‍मद
,स्‍माइल सि‍नी आदि‍ ने की चादर पोशी 
जुलूस में की शि‍रकत :फोटो असलम सलीमी
श्री ताहि‍र ने बताया कि‍ शेष 810मीटर की सतरंगी चादर उस हि‍न्‍दुस्‍तानी गंगा जमुनी तहजीब का प्रतीक 
है जि‍सकी हकीकत बादशहों के जमाने से लेकर अब तक तहेदि‍ल स्‍वीकारी जाती रही है और अब यह  हमारे समाज की जीवन शैली का अभि‍न्‍न अंग बनीहुई है।

खुद्दामें रोजाकमेटी (अध्‍यक्ष) हाजी ताहि‍र उद्दीन ताहि‍र, वाइस प्रेसीडेंट रि‍जवान
उद्दीन जुग्‍नू,मो शमशाद, जर्नल सेकेट्री  सैय्यद मुनव्‍वर अली,वरि‍ष्‍इ साहयक संरक्षण मुन्नवर अली, हाजी हाफि‍ज तनवीर अहमद,जमाली,मौलाना हाफि‍ज इरुान, साहब, ,हाजी आसि‍फ बेग, शेख नईम उद्दीन, नूर मोहम्‍मद मम्‍मे नेता हाजी हाफि‍ज नि‍जामुद्दीन(चीना) गाजी, नईमुद्दीन चौधरी, मौहि‍सि‍न, अब्‍बासी, मि‍यां शहजाद बेग कादरी,असलम खां,श्‍मीम उद्दीन, मो शकील, सरदार जसबीर सि‍ह, मो फारुख, पं हि‍रओम शर्मा, सरोज गौर,वि‍पि‍न कुमार जैन,नन्‍द लाल भारती, सुशील कुमार शर्मा,राम कुमार के अलावा अधीक्षण  पुरातत्‍व वि‍द एवं सेना

नायक सहि‍त वि‍भि‍न्‍न संगठनों के सदस्‍य इस अवसर पर उपस्‍थि‍त थे।