--परीक्षा परिणामों के परिप्रेक्ष्य में सरकार भी अपने शिक्षा तंत्र के बारे में सोचें
(सरकारी स्कूलों के गिरते शिक्षा स्तर का नहीं ढूंढा जा सका कोई इलाज) |
आगरा, उ प्र में हाई स्कूल और
इंटर के परिणाम के मामले में निजिक्षेत्र के विद्यालयों की स्थिति अच्छी
रही है। राजकीय विघालय व वित्तपोषित विद्यायल का एक भी छात्र मैरिट सूची में नहीं
आया है वहीं सभी छात्र वित्तविहीन विधालय के हैं..
ए बी एक्टविस्ट श्री वीरेन्द्र सिह के द्वारा विष्लेषित आंकडों के अनुसार वित्तविहीन विधालयों का परिणाम भी काफी अच्छा आया है। उनका विश्लेषण है कि राजकीय व वित्तपोषित विधालय के शिक्षकों को जहां पैंतीस से पिच्चहत्तर हजार तक वेतन मिलता है और काम कुछ खास नही वहीं वित्तविहीन विधालय के शिक्षको को वेतन के नाम पर मात्र चार से सात हजार तक ही मिल पाता है । श्री वीरेन्द्र सहिह का सुझाव है कि उ0 प0 सरकार को शिक्षकों के प्रति कडा रुख अपनाना चाहिये और टारगेट बेस काम होना चाहिए तभी विधालयों की पढाई का स्तर सुधर सकेगा।
ए बी एक्टविस्ट श्री वीरेन्द्र सिह के द्वारा विष्लेषित आंकडों के अनुसार वित्तविहीन विधालयों का परिणाम भी काफी अच्छा आया है। उनका विश्लेषण है कि राजकीय व वित्तपोषित विधालय के शिक्षकों को जहां पैंतीस से पिच्चहत्तर हजार तक वेतन मिलता है और काम कुछ खास नही वहीं वित्तविहीन विधालय के शिक्षको को वेतन के नाम पर मात्र चार से सात हजार तक ही मिल पाता है । श्री वीरेन्द्र सहिह का सुझाव है कि उ0 प0 सरकार को शिक्षकों के प्रति कडा रुख अपनाना चाहिये और टारगेट बेस काम होना चाहिए तभी विधालयों की पढाई का स्तर सुधर सकेगा।