--श्रीकृष्ण का संदेश था कर्म करो, पं दीनदयाल जी ने कहा था न थको, रुको, न झुको : मोदी
(दीन दयाल धाम पर विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ) |
आगरा: ‘यह गरीबों की सरकार है, गरीबों के कल्याण की सरकार है, आज (सोमवार) को इसके 365 दिन हो गये है,मेरा मन
बोला कि जिस महापुरुष ने हमें जीवन जीने और गरीबों के कल्याण के बारे में बताया,भारतीय राजनीति को दिशा दी है, उसकी जन्मभूमि
में इस कार्यक्रम को किया जाए। हम चाहते तो दिल्ली या फिर देश के बड़े शहर में
बड़ा जलसा कर सकते थे, किन्तु यहां आना अधिक प्रासंगिक
लगा।‘ यह कहना था प्राानमंत्री श्री मोदी का जो कि आगरा से 38 कि मी दूर मथुरा जनपद स्थित दीनदयाल
धाम (नगला चन्द्रभान)
में एक
विशाल रैली को सम्बोधित कर रहे थे।
विशाल रैली को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्हों ने ये ब्रज की भूमि है यहां के कण-कण
में श्रीकृष्ण विराजमान है। जिस धरती पर इस कार्यक्रम की रचना हुई है उस धाम का
नाम है दीनदयाल धाम। श्रीकृष्ण का संदेश था कर्म करते रहो, पं दीनदयाल जी का संदेश था न थको, रुको, न झुको चलते रहो। मोदी ने कहा कि पंडित जी ने सादगी के साथ जीवन बिताया है,
मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज मुझे यहां आने का मौका मिला। दीनदयास
स्मृति भवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। मैं महामानव के चरणों में नमन करता हूं।
पंडित जी प्रेरणा के स्रोत हैं। यहां से जो प्रेरणा मिलेगी वह आने वाले समय में और
काम करने की ऊर्जा भरेगी। हम जो संकल्प लेकर चल रहे हैं उसे पूरा करने की ताकत
मिलेगी। हम पंडित जी के आर्दशों को चिरतार्थ करते
हुए आगे बढ़ेंगे।
हुए आगे बढ़ेंगे।
(स्व दीन दयाल उपाध्याय | की प्रतिमा को माल्यापर्ण | ) |
श्री मोदी ने मंच पर पहुंच कर बैठे हुए लोगों से परिचय प्राप्त करते ही स्थानीय सांसद श्रीमती हेमा मालिनी का भाषण पूरा होते ही मंच से संबोधन शुरू कर दिया था। सावल पूछा, अगर आपने यह सरकार न चुनी होती, तो क्या देश का हाल बदला होता, परिर्वतन आया होता कि नहीं। आए दिन एक घोटाला होता था कि नहीं, रोज नया घोटाला सामने आता था कि नहीं, रोज नया भ्रष्टाचार समाने आता था कि नहीं, कोयले में चोरी हुई थी कि नहीं। क्या हाल था रोज नेताओं को जेल जाने की नौबत आती थी।
हमारे देश को बुराइयों से मुक्ति दिलानी है। सब लोगों के अच्छे दिन आए, पर कुछ लोगों के बुरे दिन आए, वे अब चीख रहे और चिल्ला रहे हैं। दिल्ली में दलालों का बोल-बाला था। जिन लोगों ने देश को लूटा है उनके मैंने अच्छे दिन की गारंटी नहीं ली थी, मैं देश का संत्री बनकर बैठा हूं। मैं देश को लूटने नहीं दूंगा। बुरे दिनों से मुक्ति, बुरी नियत से मुक्ति यह सब 365 दिनों में कर के दिखाया है।
राजीव गांधी ने कहा था दिल्ली से एक रुपया निकलता है, गांव में जाते-ताजे 15 पैसे रह जाता है। मैंने संकल्प लिया दिल्ली से 1 रुपए निकले और गांव में बैठे गरीब के हाथ में 100 पैसा ही रहे। उन्हों ने कहा कि जब से वह कुर्सी पर बैठे हैं तब से चौबीसों घंटे गरीबों के कल्याण के लिये ही दे रहे हैं।आजदी के साठ साल बाद लोगों को जनधन खातों के जरिये बैंकों में रखने का अवसर मिला।
पूर्व में भाजपा सांसद हेमा मालिनीं ने मथुरा और
बृंदावन क्षेत्र के लिये तीन हजार करोड
रुपये की पर्यटन परक कार्यों की पी एम से अपेक्षा की ।