--‘अकबराबाद’ के ‘आगरा’ हो जाने के बाद भी अकबर जनमानस में सहज स्वीकार्य
(जाम के झाम में अकबर की एक प्रस्तुति में रंगकर्मी योगेन्द्र दुबे अपने सहकलाकार के साथ।) |
(जाम के झाम में अकबर की एक प्रस्तुति में रंगकर्मी योगेन्द्र दुबे अपने सहकलाकार के साथ।) |