14 मई 2015

दरगाह हज़रत सलीम उल्ला शाह तालाब में तब्दील

--ताजगंज क्षेत्र का मौहल्‍ला है नगला मेबाती

(हज़रत सलीम उल्ला शाह  क़ादरी घि‍रा
हुआ है गंदेपानी के  तालाब से)
आगरा, ताजगंज के अक़सीरियत मोहल्ला नगला मेवाती में मौजूद कब्रिस्तान और दरगाह सलीम उल्ला शाह तालाब में तब्दील हो गया है, मुरीदों को दरगाह पर पर जाने के लिए काफी परेशानी हो रही है, इसके बाबजूद किसी सियासी, इंतिज़ामिया के अफसरों, समाजी कारकुनों को इतनी फुरसत नहीं कि वह कब्रिस्तान और दरगाह में पानी के भरने को रोक सके दरगाह के सज्जादानशीन पीरज़ादा  हाजी हाफिज ज़मीर अहमद खान सलीमी क़ादरी ने कहा कि हज़रत सलीम उल्ला शाह की दरगाह मुबारक करीब एक सौ पच्चीस साल पुरानी है इसके साथ ही यहाँ
का कब्रिस्तान भी इतना ही पुराना है
  गुजिश्ता तकरीबन तीस साल से यहाँ पर पूरे मोहल्ले का पानी इकठ्ठा होता आ रहा है, कई बात हुकूमत से इस जनिंब कहा गया कि वह मोहल्ले के पानी के निकास का बंदोबस्त करे लेकिन कोई नतीजा नहीं आया। आज़ादी के बाद पहली बार इस इलाक़े में मुस्लिम एम एल ए चौधरी बशीर हुए, उनसे उम्मीद जाएगी कि कब्रिस्तान और दरगाह को गंदे पानी से निजात मिलेगी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, उनके बाद दोबारा एम एल ए हाजी ज़ुल्फ़िकार अहमद भुट्टो बने लेकिन नतीजा सिफर रहा है।

इस बार फिर बी एस पी के एम एल ए गुटियारी लाल दुवेश हुए है, उनको अवाम ने अपने हलके में २०११ में देखा था, उसके बाद वह यहाँ नज़र नहीं आये, मुफ़्ती मुदस्सिर खान क़ादरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी हुकूमत मुसलमानो की हमदर्दी की बात करती है लेकिन उसकी हुकूमत में कब्रिस्तान और दरगाह में गंदा पानी जा रहा है ,इससे ये साफ़ ज़ाहिर होता है कि समाजवादी पार्टी मुसलमानो की कितनी बड़ी हमदर्द है, उर्स कमेटी के अल्तमश खान ने कहा कि इक्कीस मार्च को दरगाह  पर उर्स है जिसमे फ़िरोज़ाबाद, इटावा, भरतपुर, एटा, अलीगढ, हाथरस, कासगंज के साथ साथ कई शहरों से काफी तादात में अकीदतमंद आते है