--दस सपाईयों को नामित होने का अवसर मिलेगा
--सपाईयों से कही आगे हैं कविपुत्र और कुछ पत्रकार भी नामित होने के अभ्यार्थियों की लाइन में
(वि प में बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी) |
(स्पीकर गणेष शंकर पाण्डेय) |
(मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वि प के सदस्य हैं) |
(सपा दल नेता अहमद हसन) |
सदस्यों का कार्यकाल 25मई को समाप्त हो जायेगा, इनमें से केवल एक ही सपा के पास है जबकि शेष बसपा के खाते की हैं।एक सीट वर्तमान में खाली है। एक सीट पहले से खाली चल रही है।
वैसे विधान परिषद में 100 सदस्यों
में से वर्तमान में बसपा के 54 सदस्य
हैं,चुनाव होते ही इनकी संख्या 46 ही रह जायेगी।वहीं सपा के 26 से बढकर 36सदस्य हो जायेंगे।, भाजपा के 7, शिक्षक दल के पांच, कांग्रेस के दो, रालोद का एक और चार निर्दलीय सदस्य हैं। एक स्थान खाली है।
विधान परिषद सदस्य नामित होते ही अगले महीने उच्च सदन के समीकरण भी प्रभावित होंगे। विधान परिषद में अभी तक बसपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त था। 54 सदस्यों के बल पर बसपा परिषद में प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाती रही है।
वह अकेले दम पर विधानसभा में पारित कई विधेयक विधान परिषद से वापस लौटा देती। पर अगले सत्र में यह स्थिति नहीं रह पाएगी। बसपा के आठ सदस्यों का कार्यकाल खत्म होते ही परिषद में उसकी सदस्य संख्या 46 रह जाएगी।
विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों में से बसपा के कमलकांत गौतम, डॉ. गोपाल नारायण मिश्र, नौशाद अली, एमएल तोमर, डॉ. मेघराज सिंह, रामचंद्र सिंह प्रधान, विनय शाक्य, शिवबोध राम और सपा के बनवारी सिंह यादव का कार्यकाल पूरा हो रहा है,अगर इन रिटायर्ड होने वालों में थोडे बहुत पुन:नामित होने के चांस है तो केवल बनवारी सिह के ही हैं।
विधान परिषद सदस्य नामित होते ही अगले महीने उच्च सदन के समीकरण भी प्रभावित होंगे। विधान परिषद में अभी तक बसपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त था। 54 सदस्यों के बल पर बसपा परिषद में प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाती रही है।
वह अकेले दम पर विधानसभा में पारित कई विधेयक विधान परिषद से वापस लौटा देती। पर अगले सत्र में यह स्थिति नहीं रह पाएगी। बसपा के आठ सदस्यों का कार्यकाल खत्म होते ही परिषद में उसकी सदस्य संख्या 46 रह जाएगी।
विधान परिषद के वर्तमान सदस्यों में से बसपा के कमलकांत गौतम, डॉ. गोपाल नारायण मिश्र, नौशाद अली, एमएल तोमर, डॉ. मेघराज सिंह, रामचंद्र सिंह प्रधान, विनय शाक्य, शिवबोध राम और सपा के बनवारी सिंह यादव का कार्यकाल पूरा हो रहा है,अगर इन रिटायर्ड होने वालों में थोडे बहुत पुन:नामित होने के चांस है तो केवल बनवारी सिह के ही हैं।